समोसा और जलेबी के स्वास्थ्य जोखिम: भारत में खाने-पीने का शौक रखने वाले लोगों के लिए समोसा और जलेबी एक लोकप्रिय जोड़ी है। चाय के साथ पकौड़े या रबड़ी के साथ गुलाब जामुन की तरह, ये भी एक खास स्थान रखते हैं।
हालांकि, ये स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं। आइए जानते हैं कि समोसा और जलेबी के साथ खाने के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
समोसा-जलेबी को चेतावनी सूची में क्यों डाला गया?
1. उच्च कैलोरी और ट्रांस फैट्स
समोसे और जलेबी को डीप फ्राई किया जाता है, जिससे इनमें ट्रांस फैट्स की मात्रा बढ़ जाती है। ये फैट्स शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं, जिससे हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ता है।
एक समोसे में लगभग 250-300 कैलोरी होती हैं, जबकि दो जलेबियों में 300-350 कैलोरी तक हो सकती हैं। ये कैलोरीज़ पोषण में कोई योगदान नहीं देतीं।
2. रिफाइंड शुगर और मैदे का अत्यधिक उपयोग
जलेबी में रिफाइंड चीनी का उपयोग ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकता है, जो डायबिटीज के लिए हानिकारक है।
समोसे का बाहरी हिस्सा मैदे से बना होता है, जो फाइबर-रहित और उच्च ग्लाइसेमिक फूड है।
3. तेल का बार-बार इस्तेमाल
स्ट्रीट वेंडर अक्सर एक ही तेल को बार-बार गर्म करते हैं, जिससे उसमें हानिकारक तत्व उत्पन्न हो सकते हैं।
क्या करना चाहिए?
हफ्ते में एक बार से ज़्यादा न खाएं: समोसा-जलेबी को एक ट्रीट के रूप में लें, इसे रोजाना की आदत न बनाएं।
बेक या एयर फ्राई करें: समोसे को बेक करके या एयर फ्रायर में बनाना बेहतर विकल्प हो सकता है।
मीठे के हेल्दी विकल्प अपनाएं: गुड़, शहद या फलों का सेवन करें जो स्वास्थ्यवर्धक होते हैं।
ग्रीन टी या हर्बल चाय अपनाएं: दूध और चीनी वाली चाय के बजाय ग्रीन टी या हर्बल चाय का सेवन करें।
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